नन्हा सा वो बालकथा एक गांव में जन्मा था नन्हे नन्हे कदमों से जीवनका सफर शुरू किया शिक्षक मैं उसेनकारा बुद्धू कहकर बुलाया मगरमाने हौसला बढ़ाया काबिलियत को पहचाना छोटे-छोटे प्रयोगसे जिज्ञासा कोबढ़ाया हर सफलता पर सीख लेकर आगे कदम बढ़ाया एक दिन उसने सोचा रोशनी से जगमग हो संसार बनाया उसने बल्ब जो अंधेरे का करते सघार हजारबार सफल हुआ मगर हर ना उसने मनी हर बार एक नए दोस्त फिर से कोशिश ठानी कहां उसने असफल नहीं 1000 तरीका सिखा हूं जो काम ना सके अब सहीरास्ते पर हूं आखिरकार मेहनत रंग लाई बल्ब कीरोशनी जगमगाई थॉमसअल्वा एडिसन दुनिया को नहीं राह दखाई सिखाए हमें हर नामानो कभी मेहनत और चेहरे स सपनों को सच कर दिखाओ सभी हां यह है एडिशन की कहानी जो सिखाती है सबको कठिनाइयों से लड़ो डटकर ना कभी रुको ना झको
धन्यवाद आपका दिन शुभहो।